किसी को ज़रूरत में जान कर उसकी मदद करना क्या हमेशा सही होता हैं ? क्या इंसानियत ज़िंदा रहती है या फिर एक बार फिर हार जाती है किसी ऐसे के आगे जिसने उसका गलत फायदा उठाया हो | क्या अपना ही दूसरों पर किया विश्वास डगमगाने लगता है , नार्मन ऐसे ही जवाब ढूंढ़ता है खुद में , ‘डस्क’ साकी द्वारा लिखी इस रचना में | सुनिए और जानिये क्या आपको इंसानियत से जुड़े सवालों के जवाब मिलते हैं या फिर एक प्रश्न रह जाते हैं |