अकेली सोमा बुआ कैसे ढूंढेंगी इस समाज में अपनी जगह, सुनिए मन्नू भंडारी जी की लिखी अकेली में|
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‘सयानी बुआ’ मन्नू भंडारी जी द्वारा लिखी गयी एक चुलबुली रचना है जहाँ आप लेखिका और उनकी बुआ जी का रिश्ता तो जानेंगे ही साथ ही बुआ जी के नाम ‘सयानी” का भी सही अर्थ जानेंगे | सयानी बुआ जी जिनका कोई भी काम कभी भी इधर से उधर न होता किसी काम में कोई चूक ना होती बचपन से ही वे ऐसी थी , पर क्या सख्त और अनुशासित बुआ को कुछ बदल पायेगा ?