अमिता नीरव जी द्वारा लिखी ‘एक दिन’ , कैसे एक सामान्य सी चलती ज़िन्दगी में एक दिन कुछ चीज़ें ऐसे हो जाती हैं जो आपको सोचने पर मज़बूर कर देती हैं वो सोचने पर जिसे शायद खुद आप अपने लिये महसूस करना भूल गए हैं |
अमिता नीरव जी द्वारा लिखी ‘एक दिन’ , कैसे एक सामान्य सी चलती ज़िन्दगी में एक दिन कुछ चीज़ें ऐसे हो जाती हैं जो आपको सोचने पर मज़बूर कर देती हैं वो सोचने पर जिसे शायद खुद आप अपने लिये महसूस करना भूल गए हैं |