कैसा हो जब हम खुद को बुला खुद से ही बातें करने लगें , सुनिए अमरलाल द्वारा लिखी गुदगुदाती सिंधी कहानी का हिंदी अनुवाद ‘भाई अब्दुल रेहमान’ |
कैसा हो जब हम खुद को बुला खुद से ही बातें करने लगें , सुनिए अमरलाल द्वारा लिखी गुदगुदाती सिंधी कहानी का हिंदी अनुवाद ‘भाई अब्दुल रेहमान’ |